
रिपोर्ट / श्रेयशी दीप
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में पेश की गई, जिसके बाद विपक्ष ने इसे असंवैधानिक और फर्जी करार देते हुए जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट्स को हटा दिया गया है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि असहमति होना स्वाभाविक है, लेकिन असहमति के नोट्स को पूरी तरह से नजरअंदाज करना गलत है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि जेपीसी की रिपोर्ट में किसी भी असहमति नोट को हटाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को नियमों के अनुसार सदन में प्रस्तुत किया गया है और इसमें सभी अनुलग्नक शामिल हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष के रवैये को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन में वाद-विवाद और चर्चा प्रजातांत्रिक तरीके से होनी चाहिए।
इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक जारी है, जिससे संसद की कार्यवाही प्रभावित हो रही है।