
रिपोर्ट / श्रेयशी दीप
ब्रिटेन की लेबर पार्टी सरकार ने अवैध प्रवासियों और विदेशी अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। सरकार के अनुसार, जुलाई 2024 से अब तक लगभग 19,000 अवैध प्रवासियों को देश से निष्कासित किया जा चुका है।
गृह सचिव यवेट कूपर के नेतृत्व में, जनवरी 2025 में 828 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये छापेमारी विशेष रूप से रेस्टोरेंट, टेकअवे, कैफे, खाद्य, पेय और तंबाकू उद्योगों पर केंद्रित थीं। उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्टोरेंट में की गई कार्रवाई में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से चार को हिरासत में लिया गया।
सरकार ने पहली बार निर्वासन की प्रक्रिया का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे अवैध प्रवासियों को बस से उतारकर चार्टर जेट में ले जाया जा रहा है।
गृह सचिव कूपर ने कहा, “आव्रजन नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें लागू भी किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी बताया कि अवैध रूप से काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुफिया जानकारी के आधार पर टीमें तैनात की गई हैं।
इस अभियान के तहत, यदि किसी नियोक्ता को अवैध प्रवासियों को काम पर रखने का दोषी पाया जाता है, तो उसे प्रति कर्मचारी £60,000 तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सरकार की इस सख्त नीति को लेकर मानवाधिकार संगठनों और विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नीति से प्रवासी समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने और अवैध प्रवास को रोकने के लिए आवश्यक है।