
रिपोर्ट / श्रेयशी दीप
काशी तमिल संगमम-3 का आयोजन वाराणसी में 15 से 24 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर भारत की काशी और दक्षिण भारत के तमिलनाडु के बीच प्राचीन सांस्कृतिक, शैक्षिक, और धार्मिक संबंधों को पुनर्जीवित करना और मजबूत करना है। इस दौरान, तमिलनाडु से आए प्रतिभागी काशी के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव, केदारनाथ मंदिर, और सारनाथ का भ्रमण करेंगे। इसके अलावा, वे गंगा आरती का अनुभव करने के लिए क्रूज यात्रा भी करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान, नमो घाट और बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी, और अन्य गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिसमें तमिलनाडु और काशी की कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, और व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिला प्रशासन ने प्रतिभागियों के ठहरने, परिवहन, और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। इस आयोजन के सफल संचालन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है और हेल्प डेस्क भी स्थापित किए गए हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान, काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की उम्मीद है, क्योंकि इसी अवधि में रविदास जयंती (12 फरवरी) और महाशिवरात्रि (26 फरवरी) जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी पड़ रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऑटो, ई-रिक्शा, और नाविकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं, ताकि यातायात सुचारु रूप से संचालित हो सके।
काशी तमिल संगमम-3 के आयोजन से उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद है, जिससे देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा मिलेगा।