
रिपोर्ट/तान्या कसौधन
Mayawati News: उत्तर प्रदेश की रजनीति में हो रही उठा-पटक में अब पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की भी एंट्री हो चुकी है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों को घेरा और पूछा कि मुख्य विपक्ष दल होने के बाद भी कांग्रेस और सपा इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं. ये दोनों दल सिर्फ मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए सिर्फ संभल हिंसा की बात कर मुस्लिम समाज को लड़वा रही हैं. मायावती ने मांग की कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश के दलितों को भारत लाना चाहिए.
सपा और कांग्रेस मुस्लिम वोट को रिझाने में लगी – मायावती
बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सपा और कांग्रेस मुस्लिम वोट को रिझाने में लगे हैं. उन्हें अन्य कोई मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है. यह दोनों पार्टियां संभल में मुस्लिम समाज के तुर्क और नॉन तुर्क को आपस में लड़ा रही हैं. इससे मुस्लिमों को सतर्क रहना है.
मायावती ने कहा सबसे ज्यादा दुख की बात है कि जिनकी बदौलत से ससंद में दलित वर्ग के सांसद पहुंचे हैं, वो भी अपनी अपनी पार्टी के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर चुप हैं. चाहे वो मामला अपने देश का या पड़ोसी देश बांग्लादेश का हो.
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमले का किया जिक्र
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमले का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि वहां जो हिन्दू जुल्म और ज्यादती का शिकार हो रहे हैं उनमें अधिकांश संख्या उन दलितों की है उन कमजोर तबके के लोगों की है जिनकी बहुलता होते हुए भी सजा के तौर पर उन्हें पाकिस्तान के साथ भेज दिया गया, क्योंकि वहां से उन्होंने बाबा साहेब को संविधान सभा में चुनकर भेज दिया था.
कांग्रेस की गलती का खामियाज़ा भुगत रहे दलित
मायावती ने आरोप लगाया कि उस वक्त ये सब जातिवादी खेल कांग्रेस पार्टी ने किया था और अब जब वहां उनका शोषण हो रहा है तो विपक्ष की मुख्य पार्टी चुप है और वो सिर्फ मुस्लिम वोट से लिए संभल-संभल चिल्ला रही है. इस मामले में सपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मांग की कि सरकार अपनी जिम्मेदारी आगे बढ़कर निभाए ताकि शोषण का शिकार हो रहे लोगों को बचाया जा सके. कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा जो वहां के दलितों को उठाना पड़ रहा है. उन्हें भारत में वापस लाया जाए.