
रिपोर्ट / श्रेयशी दीप
प्रयागराज : प्रयागराज कुंभ 2025 के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। केंद्र और यूपी सरकार ने यहां के लिए 6500 करोड़ का बजट तय किया है। इस बजट से संगम नगरी का कायाकल्प किया गया है। यहां संगम किनारे अरैल घाट पर भारत के नक्शे में ऐसा शिवालय पार्क तैयार किया गया है, जहां आपकी सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन की मनोकामना पूरी होगी इसके साथ बहुत कुछ ऐसा होगा, जिसे देखने के लिए आप बार-बार यहां पर आएंगे। 13 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी प्रयागराज पहुंचकर इस शिवालय पार्क का लोकार्पण करने वाले हैं।
द्रविड़ शैली में निर्मित एक भव्य मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग
भगवान शिव, जो स्वयं महाकाल हैं. इनके दर्शन मात्र से मोक्ष प्राप्ति होती है। पृथ्वी पर वह ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विद्यमान हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर उनके 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जिनके दर्शन से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। देश के कोने-कोने में स्थित होने की वजह से सभी ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए लंबी यात्रा भक्तों को करनी पड़ती है। लेकिन, अगर आप प्रयागराज आ रहे हैं तो द्रविड़ शैली में निर्मित एक भव्य मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग कसे बनाया गया है और साथ में सभी 27 नक्षत्रों के बारे में भी विस्तार से भक्त जान पाएंगे। यहां भी दर्शन करने से पुण्य प्राप्त होता है।
मंदिर में यह भी है खास
भगवान शिव से संबंधित इस मंदिर की दीवारों पर दक्षिण भारत के ही प्रमुख देवी देवताओं का चित्र अंकित किया गया है। दक्षिण भारत शैली में निर्मित इस मंदिर के कोने पर छोटे-छोटे मंडप बनाए गए हैं, जो इसको और आकर्षक एवं सुंदर बनाते हैं। तीन ताल वाले इस मंदिर पर दिनभर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। इस मंदिर की डिजाइन काफी बारीक है। इसलिए इसके आर्किटेक्चर की तारीफ हर कोई करता है।
यह है मंदिर आने का सही समय
संगम के किनारे इस मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। मंदिर सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर की छत पर खड़े होकर संगम का बेहतरीन नजारे का भी दीदार कर सकते हैं।