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‘बटोगे तो कटोगे’ पर अखिलेश यादव का पलटवार, यूपी में छिड़ा पोस्टर वार

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पोस्टर वार बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है।

रिपोर्ट / तान्या कसौधन

UP Poster Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पोस्टर वार बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं इसके जवाब में अब समाजवादी पार्टी की तरफ से राजधानी लखनऊ की सड़कों पर पोस्टर लगाए है, पोस्टर पर लिखा है कि जुड़ेंगे तो जीतेंगे’।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए बीजेपी के इस नारे को इतिहास का सबसे नकारात्मक नारा करार दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा है कि यह नारा बीजेपी के पतन में आखिर कील साबित होगा।

एक नकारात्मक-नारा

अखिलेश यादव के मुताबिक उनका नकारात्मक-नारा उनकी निराशा-नाकामी का प्रतीक है। इस नारे ने साबित कर दिया है कि उनके जो गिनती के 10% मतदाता बचे हैं अब वो भी खिसकने के कगार पर हैं, इसीलिए ये उनको डराकर एक करने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं। उन्होंने ने आगे कहा- देश के इतिहास में ये नारा निकृष्टतम-नारे के रूप में दर्ज होगा और उनके राजनीतिक पतन के अंतिम अध्याय के रूप में आखिर शाब्दिक कील-सा साबित होगा।

लैब में तैयार हुआ ‘बटोगे तो कटोगे’ का फार्मूला

अखिलेश यादव ने बताया कि सीएम योगी का ये नारा ‘बटोगे तो कटोगे’ कहा से निकला है। अखिलेश यादव ने कहा, ‘ये नारा सत्ता पक्ष ने पीडीए की ताकत से घबराकर निकाला है। मुझे पता है ये किस लैब में तैयार हुआ है। सबसे सूटेबल व्यक्ति कौन हो सकता था, उसके लिए हमारे मुख्यमंत्री को आगे लाया गया। पीडीए की बढ़ती ताकत से बीजेपी घबराई हुई है इसलिए वो इस तरह के नारे दे रही है।’ इस दौरान अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर भी हमला बोला।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इतने पर ही चुप नहीं हुए उन्होंने बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा, ‘बीजेपी के पास कोई काम नहीं है रोजगार और नौकरी दे नहीं पा रही है। महंगाई बढ़ रही है, भेदभाव जारी है आरक्षण से खिलवाड़ हो रहा है संविधान को समय-समय पर चोट पहुंचा रहे हैं। इनके पास इसी तरह के जुमले हैं। गलत भाषा का इस्तेमाल करेंगे। गलत नारे ‘बटोगे तो कटोगे’ बनाएंगे। जिस लैब में वो नारा बना था वो लैब वाले भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि ये लोग पीडीए परिवार का सामना नहीं कर सकते हैं।’

वही, सपा ने बटेंगे तो कटेंगे के जवाब में जुड़ेंगे तो जीतेंगे का नारा दिया है। इसको लेकर लखनऊ में पोस्टर भी लगाए गए हैं। पोस्टर पर अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ जुड़ेंगे तो जीतेंगे लिखा है।

यूपी में हैं सियासी हलचल

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी में सियासी हलचल है। 80 सीटों वाली यूपी में सपा गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली, जबकि बीजेपी गठबंधन 36 सीटों पर ही जीत पाई। एक सीट पर आजाद समाज पार्टी को जीत मिली। लोकसभा में खराब परफॉर्मेंस के बाद से ही बीजेपी में छटपटाहट है। 2014 और 2019 के चुनाव में यूपी में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी।

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