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Diwali 2024: किस दिन मनाई जाएगी दिवाली, 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? जानें तय तारीख

हालांकि इस साल दिवाली का उत्सव 5 नहीं बल्कि 6 दिन का होगा। जिसका मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या यानी दिवाली है। इस बार कार्तिक अमावस्या दो दिन तक रहेगी।

रिपोर्ट / श्रेयशी दीप

दीपावली का त्योहार बेहद नजदीक आ चुका है। लोग घरों की साफ सफाई में युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। दिवाली का उत्सव 5 दिन तक रहता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। भैया दूज के बाद यह उत्सव संपन्न होता है। जिसका मुख्य दिन दीपावली 2024 है। इस दिन घर दीपक से सजाए जाते हैं। लक्ष्मी, गणेश, कुबेर आदि की पूजा की जाती है। हालांकि इस साल दिवाली का उत्सव 5 नहीं बल्कि 6 दिन का होगा। जिसका मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या यानी दिवाली है। इस बार कार्तिक अमावस्या दो दिन तक रहेगी।

दीपावली पर गुरुवार का संयोग होने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। दरअसल, कार्तिक मास की अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दो दिन रहेगी। इस वजह से दीपोत्सव 5 नहीं 6 दिन का रहेगा। मान्यता है कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 सालों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसी की खुशी में सारे अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है।

दीवाली किस दिन मनाया जाएगा

2024 में दिवाली की तारीख को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति थी क्योंकि अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों को पड़ रही है। इस भ्रम को दूर करने के लिए ‘दीपावली निर्णय धर्मसभा’ का आयोजन जयपुर के सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी में किया गया। इस सभा में 100 से अधिक ज्योतिषियों और धार्मिक विद्वानों ने भाग लिया। उनकी सलाह के बाद यह तय किया गया कि 31 अक्टूबर ही दिवाली मनाने के लिए सबसे उचित दिन है, क्योंकि यह दिन प्रदोष काल के दौरान आता है, जो लक्ष्मी पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि 31 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 5:12 बजे से रात 7:43 बजे तक रहेगा, जो पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय है। वहीं, 1 नवंबर को अमावस्या तिथि शाम 6:16 बजे समाप्त हो रही है, जिससे प्रदोष काल का समय छोटा हो जाएगा और लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त सीमित हो जाएगा। सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अर्कनाथ चौधरी ने कहा, “राजमार्तंड ग्रंथ के अनुसार, लक्ष्मी पूजा चतुर्दशी मिश्रित अमावस्या पर ही की जानी चाहिए। इस परंपरा के अनुसार, 2024 में दिवाली का सही दिन 31 अक्टूबर ही है।”

2024 की दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त

जो लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मना रहे हैं, उनके लिए लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में शाम 5:12 बजे से रात 7:43 बजे तक होनी चाहिए। इसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का सबसे शुभ समय माना गया है। जबकि 1 नवंबर को दिवाली मनाने वालों के लिए पूजा का समय शाम 5:36 बजे से 6:16 बजे तक ही रहेगा, क्योंकि इसके बाद अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी।
अमावस्या तिथि शुरू: 31 अक्टूबर 2024, दोपहर 3:52 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त: 1 नवंबर 2024, शाम 6:16 बजे

प्रदोष काल: 31 अक्टूबर, शाम 5:12 बजे से रात 7:43 बजे तक

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 31 अक्टूबर, शाम 5:12 बजे से 6:16 बजे तक

वृषभ मुहूर्त: 31 अक्टूबर, शाम 6:00 बजे से रात 7:59 बजे तक

दिवाली का महत्व

दिवाली, जिसे प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है, भारत और विश्वभर में भारतीय समुदायों के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है। यह प्रकाश का अंधकार पर, अच्छाई का बुराई पर और ज्ञान का अज्ञान पर विजय का प्रतीक है। पांच दिन तक चलने वाला यह त्योहार मुख्य रूप से दीपावली के दिन मनाया जाता है, जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें आने वाले साल में धन, समृद्धि और उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
दिवाली का उत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है। इस दिन परिवार और समुदाय एकत्रित होकर तेल के दीये जलाते हैं, घरों को सजाते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और विशेष भोज में शामिल होते हैं। यह पर्व एकता को भी प्रोत्साहित करता है, क्योंकि परिवार और मित्र एकत्र होकर परंपराओं का सम्मान करते हैं और सफलता व समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

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