
रिपोर्ट / तान्या कसौधन
RATAN TATA PASSES AWAY: दिग्गज बिजनेसमैन और उद्योग जगत के टाइटन रतन टाटा की आवाज बुधवार रात हमेशा के लिए शांत हो चुकी है. उनके निधन ने पूरी दुनिया को गहरा दुख दिया है. कल रात 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया गया था. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. वहीं, आज वर्ली के पारसी श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. उनके पार्थिव शरीर को इलेक्ट्रिक अग्निदाह में रखा जाएगा. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा.
ऐसे होगा अंतिमसंस्कार
सबसे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली के पारसी शमशान घाट में ले जाया जाएगा. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा. करीब 45 मिनट तक प्रेयर होगा. प्रार्थना हॉल में पारसी रीति से ‘गेह-सारनू’ पढ़ा जाएगा. रतन टाटा के पार्थिव शरीर (मुंह पर) एक कपड़े का टुकड़ा रख कर ‘अहनावेति’ का पहला पूरा अध्याय पढ़ा जाएगा. ये शांति प्रार्थना की एक प्रक्रिया है.
प्रेयर हॉल में करीब 200 लोग मौजूद रह सकते हैं. यह प्रक्रिया पूरा होने के बाद पार्थिव शरीर को इलेक्ट्रिक अग्निदाह में रखा जाएगा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
इन लोगो ने किया शोक व्यक्त
उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत देश की तमाम हस्तियों ने शोक जताया है। उद्योगपतियों में गौतम अदाणी, आनंद महिंद्रा सहित तमाम लोगों ने भी टाटा को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ करार दिया है।
गौरतलब है कि टाटा को एक बेहतरीन और वैश्विक ब्रांड बनाने में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है. हालांकि रतन टाटा सिर्फ एक अरबपति नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने टाटा समूह के साथ इस देश और यहां के करोड़ों लोगों के लिए बहुत कुछ दिया है. यही कारण है कि रतन टाटा के निधन से हर कोई दुखी है. उन्हें संयमित जीवनशैली और टाटा ट्रस्ट के माध्यम से परोपकारी कार्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए भी जाना जाता है.
अब कौन होगा वारिस
उनके जाने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा? करीब 3800 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के मालिक रतन टाटा जीवन भर अविवाहित रहे हैं. रतन टाटा के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं आज शुरू नहीं हुई है. काफी वक्त से यह चर्चाएं होती रही हैं.
बता दें कि टाटा परिवार में एन चंद्रशेखर टाटा संस के 2017 से चेयरमैन हैं. उनके अलावा टाटा ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों से ऐसे बहुत से लोग हैं, जो भविष्य में टाटा समूह में अलग-अलग जिम्मेदारी निभाते नजर आ सकते हैं.