राजस्थान

महाकालेश्वर मंदिर का प्रसाद बिल्कुल शुद्ध, लैब टेस्ट में पास

उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में मिलने वाला लड्डू प्रसाद एकदम शुद्ध मिला है। इस खबर के बाद महाकाल के भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इसने खाद्य सुरक्षा नियमों के 13 मानकों को पास कर लिया है। मंदिरों में अशुद्ध प्रसाद का मुद्दा तिरुपति प्रसाद विवाद के बाद सामने आया था। उज्जैन संभाग के आयुक्त संजय गुप्ता ने रविवार को जानकारी दी कि लड्डू प्रसाद की भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की मान्यता प्राप्त कुछ प्रयोगशालाओं में 13 विभिन्न प्रकार की जांच की गईं, जिसमें यह प्रसाद शुद्ध पाया गया। प्रसाद में किसी तरह की मिलावट नहीं पाई गई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त मध्य प्रदेश की अत्याधुनिक लैब में लड्डू प्रसाद की टेस्टिंग की गई। जांच से पता चला है कि लड्डू के लिए इस्तेमाल होने वाले घी और अन्य सामग्री में किसी तरह की मिलावट नहीं है।

उन्होंने बताया कि तिरुपति में उपजे विवाद के बाद महाकालेश्वर लड्डू प्रसाद की जांच की गई। लैब में जांच के दौरान बीआर वैल्यू, शुगर, आरएम वैल्यू, टेवरा, एफएफए, फार्मलीन टेस्ट, बाऊडिन टेस्ट, बीआर वैल्यू, पोलेंस्क वैल्यू, स्पोनिफिकेशन वैल्यू, आयोडिन वैल्यू, बेंगाल ग्राम और स्टार्च सिंथेटिक फूड कलर की जांच की गई। फूड एनालिस्ट प्रदीप तिवारी, टेक्निकल मैनेजर सीईएस एनालिटिकल रिसर्च सर्विस नीलम उपाध्याय के अनुसार प्रसाद की टेस्ट रिपोर्ट सभी मानकों पर अप टू द मार्क है। केमिकल एनालिसिस के बाद घी में मिलावट नहीं पाई गई। दरअसल, तिरुपति मंदिर में प्रसाद विवाद के बाद आस्था से खिलवाड़ का मुद्दा गर्मा गया था। भगवान महाकाल के दरबार में मिलने वाले प्रसाद की जांच कराई गई। लैब की रिपोर्ट के मुताबिक लड्डू प्रसाद की गुणवत्ता में मिलावट नहीं पाई गई है। गौरतलब है कि रोजाना हजारों श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं। महाकाल लोक निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। श्रद्धालु महाकाल मंदिर समिति के बनाए लड्डू को प्रसाद के रूप में लेकर जाते हैं।

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