
ढाका : बांग्लादेश में तख्तापलट और शेख हसीना के त्यागपत्र व देश छोड़ने के बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस ने देश के नए अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर गुरुवार को शपथ ली। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुहम्मद यूनुस के कैबिनेट में फिलहाल 13 लोग शामिल हुए हैं। हालांकि कैबिनेट में शामिल सदस्यों को सलाहकार का ही दर्जा दिया गया है मंत्रियों का नहीं। बांग्लादेश अंतरिम सरकार का मंत्रिमंडल कुछ इस प्रकार है-
मुख्य सलाहकार : मुहम्मद यूनुस। अन्य 13 सलाहकार हैं : सैयदा रिजवाना हसन, फरीदा अख्तर, आदिलुर रहमान खान, खालिद हुसैन, नूरजहां बेगम, शर्मीन मुर्शिद, बीर प्रतीक फारुक-ए-आजम, नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, सालेहुद्दीन अहमद, प्रोफेसर आसिफ नजरूल, एएफ हसन आरिफ, एम सखावत हुसैन, सुप्रदीप चकमा, प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय, तौहीद हुसैन। कैबिनेट सदस्यों में असंतुष्ट छात्रों के दल के शीर्ष नेता, नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल हैं। इन लोगों ने कई हफ्तों से देश में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया है।
कैबिनेट के दूसरे सदस्यों में पूर्व विदेश सचिव तौहिद हुसैन और पूर्व अटॉर्नी जनरल हसन आरिफ भी शामिल हैं। इनके अलावा पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वालीं वकील सैयदा रिजवाना हसन और कानून के प्रमुख प्रोफेसर आसिफ नजरूल भी कैबिनेट सदस्यों में हैं। इनके अलावा मानवाधिकार कार्यकर्ता अदिलुर रहमान खान को भी इसमें जगह मिली है। शेख हसीना सरकार में अदालत ने उन्हें दो साल के जेल की सजा सुनाई थी।
बता दें कि बांग्लादेश में 17 साल बाद किसी अंतरिम सरकार का गठन हुआ है। इसके बाद शेख हसीना ने 15 साल तक बांग्लादेश की सत्ता पर एकतरफा राज किया। अवामी लीग की नेता शेख हसीना को सोमवार को बड़े पैमाने पर विद्रोह के कारण इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनूस को बधाई और शुभकामनायें दी है।
‘एक्स’ अकाउंट पर पीएम मोदी ने लिखा, “प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारी संभालने पर मेरी शुभकामनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी, जिससे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बांग्लादेश के साथ काम करने और शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है।