
अक्सर हम ‘पैसा वसूल’ जैसे शब्दों का प्रयोग तब करते हैं जब पैसे देकर अपना मनोरंजन करने के लिए जाते हैं और हमें उम्मीद से अधिक मज़ा आता है. जियो सिनेमा पर मुफ़्त में स्ट्रीम हो रही फ़िल्म देखने के लिए आपको पैसे तो ख़र्च नहीं करने पड़ेंगे मगर लिए भी इस फ़िल्म को पूरी तरह से ‘पैसा वसूल’ फ़िल्म की श्रेणी में रखा जा सकता है.
फिल्म ‘ब्लैकआउट की कहानी इतने अनपेक्षित उतार-चढ़ावों के साथ इतने मज़ेदार पड़ावों से होकर गुज़रती है कि यह फ़िल्म पूरी तरह से सुनिश्चित करती है कि आपका पूरी तरह से मनोरंजन हो. फ़िल्म के लेखक-निर्देशक देवांग शशिन भावसार ने इस बात का पूरा ख़्याल रखा है कि वे अपनी कहानी के ज़रिए फ़िल्म में रहस्य और रोमांच तो पैदा करें ही, साथ ही वे दर्शकों का मनोरंजन करने में भी कामयाब साबित हों.
पुणे शहर में लूट की वारदात से शुरू होने वाली फ़िल्म ब्लैकाउट’ अपने विचित्र तरह के किरदारों के बूते मनोरंजन का वो मकाम हासिल करती है जिसकी कल्पना करना भी अक्सर आसान नहीं होता है. फ़िल्म में मनोरंजक तत्वों का मसाला सही मात्रा में इस्तेमाल किया गया जिससे फ़िल्म एक मज़ेदार फ़िल्म के रूप में निखरकर आती है.
अजीबो-ग़रीब घटनाओं पर आधारित एक काल्पनिक फ़िल्म ‘ब्लैकआउट’ को विश्वसनीय बनाती है फ़िल्म के तमाम कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी. इन सबमें खोजी पत्रकार लेनी डिसूजा का सशक्त अंदाज़ में रोल निभाने वाले विक्रांत मेस्सी का नाम सबसे पहले लिया जाना चाहिए. ’12वीं फेल’ की अपार सफलता के बाद विक्रांत मेस्सी एक बार फिर से साबित करते हैं कि वे किसी भी तरह के चुनौतीपूर्ण रोल को उम्दा तरीके से निभाने वाले एक सक्षम व उत्कृष्ट अदाकार हैं. इस फ़िल्म में विक्रांत मेस्सी ने इस क़दर बढ़िया एक्टिंग की है कि आप उनके सुख-दुख के साथ-साथ उनके हरेक इमोशन को बख़ूबी महसूस कर सकेंगे.
यहां पर एक शराबी शायर का रोल निभाने वाले सुनील ग्रोवर का जिक्र करना भी बेहद ज़रूरी है. फ़िल्म में सुनील ग्रोवर का एक अनोखा अंदाज़ देखने को मिलता है जिससे वो पूरी तरीके से चौंका देते हैं. अदाकारी के मामले में विक्रांत मेस्सी और सुनील ग्रोवर बख़ूबी एक-दूसरे को कॉम्पिलीमेंट करते हैं और दोनों फ़िल्म को एक नई ऊंचाई प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
मौनी रॉय, जिस्सु सेनगुप्ता, करण सुधाकर सोनावणे, सौरव दिलीप घाडगे, रूहानी शर्मा, अनंतविजय जोशी, केली डोरजी, छाया कदम जैसे तमाम कलाकारों ने भी सशक्त अभिनय का परिचय दिया है. फ़िल्म में विभिन्न चरित्रों का परिचय देने वाली आवाज़ के रूप में अनिल कपूर भी काफ़ी प्रभावित करते हैं.
‘ब्लैकआउट को देखते हुए कहीं ना कहीं इस बात का एहसास भी आपको होगा कि अगर यह फ़िल्म ओटीटी की बजाय सिनेमाघर में रिलीज़ होती को इसे बड़े पर्दे पर देखने का मज़ा दोगुना हो जाता. बहरहाल, जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही मज़ेदार और मनोरंजक फ़िल्म ‘ब्लैकआउट’ को आप ज़रूर देखें.