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पंचायत सीजन 3 में विधायक के दिल में सुलग रही बदले की आग

पंचायत के जहां पहले चार एपिसोड उदास रस से सराबोर हैं और इंसान की जिंदगी की कई मजबूरियों और रंग को दिखाते हैं, वहीं पांचवें एपिसोड से प्रधानजी और उनकी टीम का ड्रामा शुरू हो जाता है और वो सब बातें नजर आने लगती हैं जो पंचायत के फैन्स चाहते हैं.

काफी लम्बे समय के बाद वेब सीरीज पंचायत सीजन 3 ने दस्तक दे दी है आपको बता दें की पंचायत सीजन 2 का आखरी एपिसोड काफी उदास भरा रहा था। वहीं अगर हम सीज़न 3 की बात करें तो इसकी शुरुआत भी एक सैड नोट के साथ ही होती है। प्रह्लाद अपने बेटे की मौत के सदमे से उबर नहीं पाए हैं. सचिवजी का तबादला हो गया है. नए सचिव आ गए हैं. नए सीजन में भी जीतेन्द्र कुमार, अभिषेक त्रिपाठी और रिंकी के बीच की कैमिस्ट्री दिखाई गई है। वहीं रिंकी सचिव जी से संपर्क साधने की कोशिश करती है लेकिन वह फोन नहीं उठाते.

विधायक के दिल में बदले की आग सुलग रही है. भूषण उर्फ बनराकस की राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं और वह किसी ना किसी तरह फुलेरा ग्राम पंचायत पर अपना कब्जा करना चाहता है. जिसके लिए वह कई चालें भी चल रहा है. लेकिन क्या यह चालें सफल होती हैं? वह किस हद तक गुजर जाता है? विधायक प्रधानजी से कैसे बदला लेता है? इन सारे सवालों के जवाब तो आपको पंचायत देखने के बाद की पता चलेगी. लेकिन आठ एपिसोड की इस सीरीज को देखकर आपको भरपूर मजा जरूर आने वाला है.

अगर कहानी की बात करें तो पंचायत के जहां पहले चार एपिसोड उदास रस से सराबोर हैं और इंसान की जिंदगी की कई मजबूरियों और रंग को दिखाते हैं, वहीं पांचवें एपिसोड से प्रधानजी और उनकी टीम का ड्रामा शुरू हो जाता है और वो सब बातें नजर आने लगती हैं जो पंचायत के फैन्स चाहते हैं. बेशक कहानी थोड़ी स्लो चलती है, लेकिन वेब सीरीज का आखिरी और आठवां एपिसोड सारी कमियों को पूरा कर जाता है. सीधी सादी पंचायत अंत आते-आते मिर्जापुर में तब्दील हो जाती है. यही नहीं, आखिरी एपिसोड का अंत जब देखेंगे तो हो सकता है आपको 2021 के फेमस बागपत चाट युद्ध की यादें ताजा हो जाएं.

पंचायत सीजन 3 में एक्टिंग की बात करें तो जितेंद्र कुमार सचिवजी के रोल में जमे हैं. नीना गुप्ता और रघुबीर यादव पहले की ही तरह पूरे स्वैग में हैं. लेकिन प्रधान मंजू देवी पहले से ज्यादा एक्टिव हुई हैं. लेकिन सीजन 3 में विधायक का किरदार निभाने वाले पंकज झा ने जोरदार एक्टिंग दिखाई है. उन्होंने विधायक के किरदार को कुछ इस तरह निभाया है कि उन्हें देखकर गुस्सा भी आता है और फिर तरस भी आ जाता है. भूषण के किरदार में दुर्गेश कुमार ने अच्छा काम किया है.

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