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सीएम योगी की अथक मेहनत से पांचवें चरण की सभी 14 सीटों पर खिलेगा कमल

उत्तर प्रदेश की जिन सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें से रायबरेली लोकसभा सीट भी है। ये राज्य की इकलौती सीट है जहां 2019 में कांग्रेस को जीत मिली थी। तब सोनिया गांधी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। सोनिया अब राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं।

लखनऊ : चुनौती देता पारा और हौसलों को डिगाने वाली हीट वेव के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऊर्जा और अथक मेहनत उत्तर प्रदेश में जारी लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए वरदान साबित हो रही है। भीषण गर्मी के बावजूद तूफानी अंदाज में प्रदेश के अंदर और अन्य प्रदेशों में चुनाव प्रचार के अभियान में जुटे सीएम योगी के इन्हीं प्रयासों के कारण भाजपा को पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में अपना पिछला प्रदर्शन फिर से दोहराने की उम्मीद है। पिछले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने इन 14 लोकसभा सीटों में से 13 पर कब्जा जमाया था, जबकि रायबरेली की एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।

इस बार सीएम योगी ने इन सभी 14 सीटों पर धुआंधार प्रचार किया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि अमेठी और रायबरेली जैसी हाई प्रोफाइल सीटों समेत सभी 14 सीटों पर कमल खिलेगा। उल्लेखनीय है कि पांचवे चरण में प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। इनमें मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोण्डा लोकसभा सीटें शामिल हैं। इन सभी लोकसभा सीटों पर सीएम योगी लगातार चुनाव प्रचार कर भाजपा के समर्थन में माहौल बना चुके हैं।

लखनऊ लोकसभा सीट से एक बार फिर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार मैदान में हैं। इस सीट पर 1991 से ही भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 1991 से 2009 तक यहां से पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी सांसद रहे, जबकि 2009 से 2014 के बीच लाल जी टंडन विजयी हुए। 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में राजनाथ सिंह ने इस सीट पर बड़ी जीत दर्ज की थी। राजनाथ सिंह के सामने सपा ने रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंत्री रह चुके मेहरोत्रा फिलहाल लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। वहीं बसपा ने सरवर मलिक को प्रत्याशी बनाया है। लखनऊ में सीएम योगी ने लगातार तीन दिन तक चुनावी प्रचार किया है और इस सीट पर चुनाव पूरी तरह राजनाथ सिंह के समर्थन में एकतरफा नजर आ रहा है।

उत्तर प्रदेश की जिन सीटों की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनमें से रायबरेली लोकसभा सीट भी है। ये राज्य की इकलौती सीट है जहां 2019 में कांग्रेस को जीत मिली थी। तब सोनिया गांधी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। सोनिया अब राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं। कांग्रेस ने काफी इंतजार के बाद रायबरेली से राहुल गांधी को चुनाव मैदान उतारा है। वहीं भाजपा ने यहां दिनेश प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। एमएलसी दिनेश प्रताप फिलहाल योगी सरकार में मंत्री भी हैं। पिछले चुनाव से लेकर अब तक यहां काफी बदलाव आ चुका है।

योगी सरकार ने प्रदेश के साथ-साथ इस क्षेत्र में भी काफी विकास कार्य कराया है। यही नहीं,भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह की ग्राम प्रधानों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। यही नहीं रायबरेली के कई प्रमुख कांग्रेसी नेता अब बीजेपी के साथ हैं। कांग्रेस नेता रहे अखिलेश कुमार सिंह की बेटी अदिति सिंह रायबरेली से बीजेपी की विधायक हैं। वहीं, ऊंचाहार के विधायक मनोज पांडे भी बीजेपी में आ चुके हैं, जिससे भाजपा की उम्मीदें कई गुना बढ़ गई हैं।

अमेठी की सीट भी सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। केंद्रीय मंत्री और अमेठी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को उम्मीदवार बनाया। बसपा ने यहां नन्हे सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी थी। सीएम योगी के नेतृत्व में स्मृति ईरानी ने जिस अंदाज में राहुल गांधी को यहां से हराया, उसी का नतीजा है कि चार दशक बाद पहली बार इस सीट से गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव नहीं लड़ रहा।

इसीलिए इस सीट पर भाजपा की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। स्मृति ईरानी के यहां से जीतने के बाद से यहां भाजपा लगातार मजबूत होती गई। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गौरीगंज छोड़कर बाकी सभी 4 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी तो 2022 में भी भाजपा तीन सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इस बार सीएम योगी ने कई बार यहां रैली की है और पूरी उम्मीद है कि एक बार फिर इस सीट से भाजपा विजयी होकर निकलेगी।

कैसरगंज में मौजूदा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को भाजपा ने टिकट दिया है। उनका मुकाबला सपा के भगत राम मिश्रा और बसपा के नरेंद्र पांडे से है। इस सीट पर करण भूषण का पलड़ा बाकी प्रत्याशियों की तुलना में कहीं मजबूत है। झांसी में भाजपा के मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा फिर एक बार ताल ठोंक रहे हैं। उनका सामना कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य और बसपा के रवि प्रकाश मौर्य से है। वहीं, मोहनलालगंज में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार प्रत्याशी हैं।

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उन्हें सपा के आरके चौधरी और बसपा के राजेश कुमार चुनौती दे रहे हैं। इसी तरह, बांदा में मौजूदा बीजेपी सांसद आरके सिंह पटेल फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका सामना सपा की कृष्णा देवी पटेल और बसपा के मयंक द्विवेदी से है। कौशांबी लोकसभा सीट पर मौजूदा बीजेपी सांसद विनोद सोनकर भी तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं, जबकि सपा के पुष्पेंद्र सरोज उनके सामने हैं। वहीं हमीरपुर में भी भाजपा ने मौजूदा सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को तीसरी बार मैदान पर उतारा है। उनके सामने सपा के अजेंद्र सिंह राजपूत हैं। फतेहपुर में केंद्रीय मंत्री और मौजूदा बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति भी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए मैदान में हैं। उनके सामने सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल हैं।

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