उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव के बाद 57 जनपदों में स्थापित होंगे साइबर क्राइम थाने

सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर क्राइम थानों की मौजूदगी हो जाएगी। अभी तक आईजी स्तर का अधिकारी इन थानों को देखता था, लेकिन सभी जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित होने के बाद पुलिस अधीक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे।

देश और दुनिया में बढ़ते हुए साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित करने का निर्णय लिया है। सभी 18 मंडलों में साइबर क्राइम थाने पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि शेष 57 जनपदों में साइबर थाने लोकसभा चुनावों के बाद स्थापित किए जाएंगे। इन 57 जनपदों में साइबर थाने स्थापित किए जाने को लेकर योगी कैबिनेट पहले ही अनुमोदन कर चुकी है। आम चुनावों के साथ ही आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद साइबर थानों की स्थापना को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रत्येक थाने में 25 पदों पर अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इस लिहाज से सभी 57 थानों में कुल 1425 पदों के सृजन को लेकर आदेश निर्गत किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर क्राइम थानों की मौजूदगी हो जाएगी। अभी तक आईजी स्तर का अधिकारी इन थानों को देखता था, लेकिन सभी जनपदों में साइबर क्राइम थाने स्थापित होने के बाद पुलिस अधीक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे।

ये भी पढ़िए – राजनाथ सिंह ने नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति का किया खुलासा

उत्तर प्रदेश शासन की ओर से पहले सभी साइबर क्राइम पुलिस थानों के क्रियान्वयन के लिए 25 पद की दर से कुल 1425 पदों के सृजन का आदेश दिया गया था, लेकिन देश में जारी लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस प्रक्रिया को आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद पूरा किए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव और आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। इस पर योगी कैबिनेट 19 दिसंबर 2023 को अपना अनुमोदन प्रदान कर चुकी है। उस वक्त वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया था कि देश और दुनिया में बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए सभी 75 जनपदों में साइबर थानों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। 18 मंडल मुख्यालयों में पहले से ही साइबर थाने मौजूद हैं, बल्कि अब बाकी बचे 57 जनपदों में भी थाने स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसकी स्थापना पर सरकार पर लगभग एक अरब, 27 करोड़, 24 लाख, 51 हजार रुपए से अधिक का व्यय भार अनुमानित है। इन थानों के स्थापित होने से न सिर्फ प्रदेश में साइबर क्राइम पर पैनी नजर रखी जा सकेगी, बल्कि उस पर प्रभावी कार्रवाई भी संभव हो सकेगी।

ये भी पढ़िए – एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन साइड इफेक्टस के आरोपों को किया स्वीकार

प्रदेश में साइबर क्राइम की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया था कि साइबर क्राइम में कन्विक्शन के मामले में यूपी सबसे ऊपर है। यूपी का कन्विक्शन रेट नेशनल साइबर क्राइम के कन्विक्शन रेट से काफी बेहतर है। साइबर क्राइम के मामलों में नेशनल कन्विक्शन रेट जहां 46.5 परसेंट है, वहीं उत्तर प्रदेश का कन्विक्शन रेट 87.8 परसेंट है। अब तक प्रदेश में 838 कन्विक्शन हुए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद मध्य प्रदेश में सिर्फ 59 कन्विक्शन हुए हैं। प्रदेश में 7122 क्रिमिनल अरेस्ट किए गए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 2582 क्रिमिनल अरेस्ट किए गए। उत्तर प्रदेश में 2022 में 10,117 केस रजिस्टर हुए हैं।

ये भी पढ़िए – सुप्रीम कोर्ट की कड़ाई का दिखा असर, रामदेव की पतंजलि फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट के रद्द हुए लाइसेंस

उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात, इटावा, फतेहगढ़, कन्नौज, औरैया, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, अमेठी, अंबेडकरनगर, एटा, हाथरस, कासगंज, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बलरामपुर,श्रावस्ती, बहराइच, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौशांबी, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, सोनभद्र, भदोही, मऊ, बलिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर, ललितपुर, जालौन, मुजफ्फरनगर एवं शामली।

ये भी पढ़िए – संविधान का गला घोंटने का काम रहा है कांग्रेस का इतिहास : सीएम योगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button