
डांस या नाचना एक कलात्मक अभिव्यक्ति है, जिसके साथ लोग अपनी भावनाएं और बयान जाहिर करते हैं। यह मुक्त होकर संवाद करने के तरीकों में से एक है। हर साल 29 अप्रैल को दुनियाभर के लोग इंटरनेशनल डांस डे मनाने के लिये एकजुट होते हैं। इस बारे में बात करते हुए टीवी के कलाकार अपनी पसंदीदा नृत्य शैलियों के बारे में बता रहे हैं, जो तंदुरुस्त रहने में उनकी मदद करती हैं।
‘अटल’ में विमला बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहीं प्रचिती अहिराव ने बताया, ‘‘मुझे डांस करना पसंद है, क्योंकि उससे मुझे खुशी मिलती है। यह मेरी जिन्दगी का एक अटूट हिस्सा है। डांसिंग ने मुझे अपने भीतर संतुलन लाना सिखाया है। मुझे अनुशासन, खूबसूरती और उत्कृष्टता बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है। डांसिंग से मुझे ताजगी मिलती है और मेरा मूड इतना अच्छा हो जाता है, जितना और किसी चीज से नहीं होता। मैंने कथक का प्रशिक्षण लिया है। यह एक तरह का नृत्य होता है, जिसमें थियेटर और स्टोरीटेलिंग होती है। इसलिये कथक निश्चित तौर पर मेरे पसंदीदा नृत्यों में से एक है। उसके द्वारा मैं जटिल भावनाएं व्यक्त कर सकती हूँ और गूढ़ मुद्राओं तथा चेहरे की अभिव्यक्तियों से कहानियाँ कह सकती हूँ। मैं सुंदर चेष्टाओं, कदमताल और चेहरे की सौम्य अभिव्यक्तियों में निपुण होकर एक बेहतर स्टोरीटेलर बन गई हूँ।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन’ में राजेश की भूमिका निभा रहीं गीतांजलि मिश्रा ने बताया, ‘‘बचपन में मुझे डांसिंग से बड़ा मजा आता था। मेरी बहन और मैं टीवी पर अपने पसंदीदा गाने देखते थे और मूव्स को कॉपी करने की कोशिश में रहते थे। डांस के लिये मेरा प्यार इस तरह शुरू हुआ।एक्टर होने के नाते मुझे विभिन्न नृत्य करने के अवसर मिले हैं, जैसे कि तांडव, गरबा, लावणी, आदि। डांसिंग ने मुझे हमेशा जिन्दगी के तनावों से दूर होने का एक तरीका दिया है। उसमें अभिव्यक्ति की कोई सीमा नहीं होती है और मैं संकोच छोड़कर दूसरे लोगों से जुड़ जाती हूँ। डांसिंग से मैं शारीरिक तौर पर तंदुरुस्त रहती हूँ और मेरा आध्यात्म भी निखरता होता है। मुझे शांति, संतुलन और अपने तथा दुनिया के साथ गहरा जुड़ाव मिलता है।’’
ये भी पढ़िए – मोदी जी चार सौ पार और हमारी जीत का अंतर पांच लाख पार – रमेश अवस्थी
‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी, ऊर्फ शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘अभिनेत्री होने के अलावा मैं एक अनुभवी डांसर और इंस्ट्रक्टर भी हूँ। डांसिंग मेरी जिन्दगी का एक जरूरी हिस्सा है। मुझे कथक में विशेषज्ञता प्राप्त है। कथक के लिये मेरा प्यार उसके अलौकिक विशयों और धुनों से मेरा आध्यात्मिक लगाव दिखाता है। डांसिंग से मुझे खुशी और आत्मविश्वास मिलता है और मैं अपने आप में खो जाती हूँ। मुझे तनाव और नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है और आजादी का बोध होता है।’’
ये भी पढ़िए – आराधना मिश्रा ने मोदी पर कसा तंज, कहा मोदी सरकार में दाम तो दोगुने नहीं हुए पर दर्द सौ गुना जरूर हो गया