लखनऊ

समाज के अंतिम आदमी तक जरूरी मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाना ही चन्द्रशेखर को सच्ची श्रद्धांजलि : यशवंत सिंह

लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वाधान में चन्द्रशेखर चबूतरा ( दारुलशफा, लखनऊ ) पर आयोजित जयंती समारोह में राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा कि राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर ने पढाई के काल में ही लोकतांत्रिक तरीके से विकसित एक ऐसे सशक्त और समृद्ध भारत का सपना देखा था जिसमें समाज का अंतिम आदमी भी खुशहाल हो।

लखनऊ : लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से समाज के अंतिम आदमी को शिक्षा, स्वास्थ्य, संतुलित भोजन, शुद्ध पेयजल और रोजी के अवसर जैसी मूलभूत जरूरी सुविधाओं से लैस करना ही देश के प्रथम समाजवादी प्रधानमंत्री राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा है कि इस महान लक्ष्य को सगुण रूप देने का कार्य दो चार दिन या दो चार साल का कार्य नहीं है। इसके लिए हम सभी लोगों को प्रयास करना होगा।

लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के तत्वाधान में चन्द्रशेखर चबूतरा ( दारुलशफा, लखनऊ ) पर आयोजित जयंती समारोह में राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा कि राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर ने पढाई के काल में ही लोकतांत्रिक तरीके से विकसित एक ऐसे सशक्त और समृद्ध भारत का सपना देखा था जिसमें समाज का अंतिम आदमी भी खुशहाल हो। इस सपने को मूर्त रूप देने के लिए वह जीवन के अंतिम दिन तक संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष किसी भी स्थिति में रुकना नहीं चाहिए। यह हम सभी लोगों की जिम्मेवारी है।

लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के संरक्षक विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने कहा कि राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर ने कभी कुर्सी की राजनीति नहीं की। उन्होंने विचारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जाना पसंद किया, घुटना टेकना नहीं। उन्होंने कहा कि नई पीढी को राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर का यह व्यक्तित्व और कृतित्व अनुसरण करना चाहिए। यह अनुसरण आज के भारत की भी जरूरत है और कल की भी।

जयन्ती समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर – संसद में दो टूक –पुस्तक के सम्पादक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने की। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में वरिष्ठ सामाजिक सेनानी सर्वश्री चन्द्रशेखर सिंह, राघवेन्द्र त्रिपाठी, दिलीप सिंह, जगदीश राय, राजेश सिंह, शैलेंद्र सिंह, संयोग सिंह, चतुर्भुज सिंह, शमशेर यादव, राशिद फ़ारूक़ी, संजय गुप्ता,अतुल चौबे, चंचल चौबे, राहुल पाल और अमित प्रजापति आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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