उत्तर प्रदेशपीलीभीत

पीलीभीत से राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल हो सकते हैं भाजपा उम्मीदवार

बरेली के लोगों का कहना हैं कि विधायक बनने के बाद पप्पू भरतौल ने बिथरी चैनपुर में बहुत से विकास कार्य कराए और लोगों के बीच चौबीस घंटे हाजिर रहे। मगर क्षेत्रीय सांसद की जीहजूरी ना करने के चक्कर में उन्हें अपना टिकट गवाना पड़ा। सूत्रों की माने तो संघ और भाजपा के प्रदेश नेताओं ने अब राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल को आश्वासन दिया हैं कि उन्हें पीलीभीत से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा।

पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड इलाके में राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल ब्राह्मणों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। राजेश मिश्रा अपने जीवन के आरंभ से ही हिंदूवादी राजनीति और विचारधारा से प्रभावित रहे। वह बरेली जिले की बिथरीचैनपुर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक भी रहे हैं। बरेली की राजनीति में राजेश मिश्रा को साफगोई और स्पष्ट वादिता के कारण जाना जाता है। वह बिना किसी लाग लपेट के अपनी बात को कहने के लिए जाने जाते है। इसी कारण बरेली के सांसद संतोष गंगवार के साथ उनका छत्तीस का आकंड़ा रहा। कहा जाता हैं कि संतोष गंगवार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उनका टिकट कटवा दिया था। टिकट काटे जाने के बाद राजेश मिश्रा के पास बसपा, सपा और कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ने के पैगाम आए मगर उन्होंने भाजपा छोड़ने से साफ इनकार कर दिया।

राजेश मिश्रा की रूहेलखंड इलाके में कट्टर हिंदूवादी नेता की छवि है। धार्मिक कार्यों में वह बढ़चढ़ कर शिरकत करते है। बीते दिनों उन्होंने बरेली में जानेमाने कवि और कथावाचक कुमार विश्वास से रामकथा का भव्य आयोजन कराया था। उनके व्दारा आयोजित इस कथावाचन में संघ और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी। बरेली के लोगों का कहना हैं कि विधायक बनने के बाद पप्पू भरतौल ने बिथरी चैनपुर में बहुत से विकास कार्य कराए और लोगों के बीच चौबीस घंटे हाजिर रहे। मगर क्षेत्रीय सांसद की जीहजूरी ना करने के चक्कर में उन्हें अपना टिकट गवाना पड़ा। सूत्रों की माने तो संघ और भाजपा के प्रदेश नेताओं ने अब राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल को आश्वासन दिया हैं कि उन्हें पीलीभीत से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा।

पार्टी के शीर्ष नेताओं के आश्वासन के बाद पप्पू भरतौल के समर्थकों ने पीलीभीत जिले को उनके स्वागत के पोस्टर और होर्डिंग से पाट दिया है। बरेली के भाजपा नेता कहते हैं कि पीलीभीत लोकसभा सीट पर 25 फीसदी से अधिक ब्राह्मण वोट है। ब्राह्मणों के अतिरिक्त भाजपा के परंपरागत वोट और पिछड़ों के समीकरण से पप्पू भरतौल लोकसभा सीट आसानी से निकाल सकते हैं। सूत्रों का कहना हैं कि पीलीभीत से भाजपा के वर्तमान सांसद वरूण गांधी का टिकट कटना इस बार तय हैं। वरूण गांधी कई सार्वजनिक मंचों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। उनके मुखर शब्दों के कारण ही पार्टी हाईकमान इस बार पीलीभीत से नए उम्मीदवार की तलाश में जुटा हैं। माना जा रहा हैं कि संघ और विहिप के नेताओं की नजदीकियों के चलते संघ नेताओं ने पप्पू भरतौल का नाम आगे बढ़ाया है। जिसकी बानगी पीलीभीत जिले में उनके बेसुमार होर्डिंग और पोस्टर बैनरों को देखकर साफ दिखाई देती है।
अगर रूहेलखंड में ब्राह्मण राजनीति की बात करें तो भाजपा के पास राजेश मिश्रा सबसे अच्छे उम्मीदवार साबित हो सकते हैं। जिले के एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि राजेश मिश्रा के पुत्र की ससुराल पीलीभीत की बिसलपुर तहसील में पड़ती है। बिसलपुर को ब्राह्मण बहुल विधानसभा माना जाता है। समझा जा रहा है कि अगर राजेश मिश्र पीलीभीत से भाजपा के लोकसभी उम्मीदवार होते है तो रूहेलखंड के सभी ब्राह्मण एकजुट होकर भाजपा के साथ खड़े दिखाई देंगे।
बीते दिनों बरेली की इंटरनेशनल सिटी में राजेश मिश्रा ने अपने संगठन राधारानी सेवा ट्रस्ट की तरफ से भव्य रामकथा का आयोजन कराया था। इस कथा में प्रदेश सरकार के दिग्गज मंत्रियों सहित विधायकों और एमएलसी ने शिरकत की थी। बरेली में उनके समर्थकों ने पप्पू भरतौल फेन क्लब भी बना रखा है जो जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का परिचायक है। खासबात यह हैं कि वह जितने लोकप्रिय ब्राह्मणों के बीच है उतने ही लोकप्रिय दलितों के बीच भी है। उनके समर्थकों का कहना हैं कि पप्पू जी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते वह हर किसी के घर जाकर खाना खा लेते है और प्रेम से वहीं बैठ जाते हैं। राजेश मिश्र कहते हैं कि उनके जीवन का फलसफा है वह पद पर रहे या न रहे जनता और धर्म की सेवा निरंतर करते रहेंगे।

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