
कई मायनों में खास है सोलर पावर इनेबल्ड बोट
यह सोलर पावर इवेबल्ड बोट क्लीन एनर्जी के जरिए संचालन की परिकल्पना के आधार पर कार्य करती है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है। इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह बोट कैटामरैन केटेगरी की है जिसके अंतर्गत दो हल स्ट्रक्चर्स को जोड़कर एक बोट स्ट्रक्चर में कन्वर्ट किया जा सकता है। यह बोट फाइबरग्लास बॉडी युक्त है जोकि लाइट वेट व हेवी ऑपरेशन ड्यूरेबल मटीरिल से बनी है। साथ ही, बोट के संचालन के दौरान किसी प्रकार के ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है। इस बोट में एक बार में 30 लोग यात्रा कर सकेंगे तथा यह सरयू नदी में नया घाट से संचालित होगी। इस बोट टूर का ट्रैवलिंग ड्यूरेशन एक घंटे से लेकर 45 मिनट के आसपास रखा जाएगा जिसमें सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों व धरोहरों का दर्शन यात्री कर सकेंगे। हालांकि, बोट की ऑपरेटिंग कैपेसिटी इससे कहीं ज्यादा है और पूरी तरह चार्ज होने पर 5 से 6 घंटे तक के प्रोपल्शन टाइमफ्रेम को मैनेज किया जा सकता है।
3.3 किलोवॉट रूफटॉप एसेंबल्ड सोलर पैनल युक्त बोट है रिमोट व्यूइंग से लैस
इस बोट को पुणे की सनी बोट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से असेंबल किया गया है जबकि चेन्नई की रा सोर्स प्राइवेट लिमिटेड इसमें सोलर व प्रोपल्शन पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। यूपीनेडा के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण नाथ पाण्डेय ने बताया कि यह बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है। बोट में 46 किलोवॉट प्रति घंटा क्षमता वाली एलेपटी बैटरी लगाई गई है तथा बोट 30 पैसेंजर्स व 2 क्रू के लिहाज से ऑपरेशनल होगी। 17 से 18 तारीख के बीच बोट तमाम टेस्टिंग प्रक्रियाओं से गुजरेगी जिसमें जलावरतण भी शामिल होगा जिसके बाद आगामी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले इसका उद्घाटन हो जाएगा। यह बोट रिमोट व्यूइंग जैसी क्लास अपार्ट फैसिलिटी से भी लैस है।