
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को चौबेपुर उमरा स्थित सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर धाम के पहले चरण के निर्माण का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने संतों के साथ मंदिर परिसर का दौरा भी किया और इसके बारे में जानकारी ली। इस मंदिर का नाम स्वर्वेद है जहाँ स्वः का अर्थ है आत्मा या ईश्वर और वेद का अर्थ है ज्ञान। जिसके माध्यम से आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, जिसके माध्यम से स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है, उसे स्वर्वेद कहा जाता है।
इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा नहीं बल्कि ध्यान किया जाता है और यह एक ध्यान स्थल है। इस मंदिर में मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है, जिसमें स्वर्वेद के 3137 दोहे लिखे गए हैं। इसमें एक विशेष कमल के आकार का गुंबद है। मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों वाले विशाल कमल के फूल जैसा है।
यह सात मंजिला मंदिर 35 करोड़ रुपये की लागत से 64 हजार वर्ग फीट यानि डेढ़ एकड़ में बनाया जा रहा है। मंदिर की सात मंजिलों पर एक साथ 20 हजार लोग ध्यान कर सकेंगे। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक करीब 500 मजदूर 2004 से लगातार मंदिर के निर्माण में लगे हुए हैं। इस मंदिर को बनाने का मकसद यह है कि लोग ध्यान, योगाभ्यास और संस्कृति से जुड़ सकें। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों की जीवनशैली से परिचित हों। संत सदाफल महाराज के दुनिया के दर्जनों देशों में सैकड़ों आश्रम हैं। इनमें से सबसे बड़ा उमरा में नवनिर्मित स्वरवेद महामंदिर है।