
मध्ये प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार का गठन हो जाने के बाद आज 15 दिसंबर को राजस्थान में भी सरकार का गठन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल पर लाखों लोगों के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, उनके साथ ही उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और डॉ प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई। खास बात ये है कि बीजेपी में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले भजनलाल शर्मा अपने 55वें जन्मदिन पर राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री बन गए।
गुलाबी नगरी जयपुर की हल्की गुलाबी सर्दी की सुबह शुक्रवार को केसरिया रंग में रंगी नजर आ रही थी। एयरपोर्ट से लेकर शपथ ग्रहण स्थल ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल तक और उसके अलावा पूरे जयपुर शहर को भारतीय जनता पार्टी ने केसरिया रंग में रंग दिया था। इसी केसरिया माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12:15 बजे जयपुर की धारा पर उतरे और लगभग 12:45 पर उनकी मौजूदगी में राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह लगभग 15 मिनट चला और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने उपस्थित जनता का हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
राजस्थान के लिहाज से यह महत्वपूर्ण क्षण था। क्योंकि राजस्थान की जनता साल 1998 से लेकर अब तक बारी-बारी से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को ही मुख्यमंत्री के रूप में देख रहे थे। यानी लगभग 25 वर्ष बाद राजस्थान की राजनीति में एक जेनरेशनल शिफ्ट यानी पीढ़ीगत बदलाव होता देखा गया।
बता दें कि समारोह स्थल पर तीन मंच तैयार किए गए थे। एक मंच पर देशभर से आए साधु-संतों को बैठाया गया है। वहीं दूसरे मंच पर देश के गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और अन्य राज्यों से आए मुख्यमंत्री तथा वरिष्ठ नेता बैठे नजर आ रहे थे। तीसरा मंच शपथ के लिए बनाया गया था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी, राज्यपाल और शपथ लेने वाले तीनों नेता बैठे।
जिस मंच पर वरिष्ठ नेताओं को बैठाया गया था, इस मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक साथ बैठे नजर आए। राजनीतिक रूप से तीनों नेता आपस में धुर विरोधी माने जाते हैं। अशोक गहलोत गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाने के साथ ही उन्हें नकारा और निकम्मा मंत्री तक बता चुके हैं। वहीं, गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस दायर कर रखा है। लेकिन मंच पर दोनों ही नेता आपस में बातचीत करते नजर आए। इनके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी थीं और तीनों ही नेताओं के बीच काफी आत्मीयता से बातचीत होती नजर आई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री का आज जन्मदिन भी है। भजनलाल शर्मा के परिवार ने अपने अस्थायी निवास चंबल पावर हाउस के गेस्ट हाउस में बर्थडे सेलिब्रेट भी किया। पहले उन्होंने गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए, इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता के चरण धोकर उनका आशीर्वाद भी लिया। वहीं, मनोनीत डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा ने आज शपथ लेने से पहले मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन किए और डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए।