उत्तर प्रदेशलखनऊ

सीएम योगी ने 242 सहायक बोरिंग टेक्नीशियन को दिया नियुक्ति पत्र

योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा चयनित 242 सहायक बोरिंग टेक्नीशियन को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरण करते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र पाने वालों के लिए अवसर है, लेकिन हमें जिम्मेदारियां भी समझनी होगी।

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा चयनित 242 सहायक बोरिंग टेक्नीशियन को लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरण करते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र पाने वालों के लिए अवसर है, लेकिन हमें जिम्मेदारियां भी समझनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि अधिकार की बात हर कोई करता है, लेकिन कर्तव्य के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। अधिकार से अधिक कर्तव्य महत्वपूर्ण है, कर्तव्य का निर्वहन करेंगे तो अधिकार सुरक्षित हो जाएगा। जब समाज अधिकारों की बात करता है और कर्तव्यों की बात नहीं करता तो वह स्वयं को धोखा देता है। कर्तव्य किया तो बिना सिफारिश, बिना भेदभाव आपका चयन हुआ। पारदर्शी प्रक्रिया के तहत राज्य में साढ़े छह वर्ष में छह लाख लोगों को नौकरी मिली। सीएम ने कहा कि हमारा परिश्रम ही सबसे बड़ा सर्टिफिकेट है। परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए आपको यूपी के सर्वांगीण विकास में योगदान देना चाहिए।

सीएम ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था, केंद्र-प्रदेश सरकार की योजनाओं व स्वतः रोजगार के जरिए करोड़ों लोगों को रोजगार से जोड़ने में सफलता पाई। हमारी मंशा है कि युवाओं के साथ भेदभाव न हो। जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता, वे हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोग नहीं चाहते कि विकास की प्रक्रिया में यूपी को आगे बढ़ा सकें। 2017 के पहले जिस राज्य को अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में होना चाहिए, वह पिछड़ता गया। उस समय देश में यूपी छठवें स्थान पर था। यूपी के नौजवान यहां नौकरी नहीं पाते थे और बाहर जाने पर यूपी का होने के कारण छंटनी हो जाती थी, लेकिन आज युवा व नागरिक सम्मानजनक व्यवहार पाते हैं। अब तो पारदर्शी तरीके से नौकरी, रोजगार व स्वरोजगार भी है।

सीएम ने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। यूपी जैसे राज्य में वर्षा देर से आने पर भी हम खेतीबाड़ी कर लेते हैं। मॉनसून विलंब से आने पर भी धान की बिठौनी समय से प्रारंभ हो गई। अधिकांश क्षेत्रों में किसानों को संकट नहीं उठाना पड़ा। ट्यूबवेल, नहरों में पानी, बिजली आदि की सुविधा थी, लेकिन हर राज्य के पास ऐसा सौभाग्य नहीं है। आजादी के समय यूपी में छह करोड़ लोग रहते थे, लेकिन आज आबादी 25 करोड़ हो गई है। जल के संरक्षण की उचित व्यवस्था न होने से प्रदूषण की समस्या खड़ी हुई। उद्योगों की लंबी फेहरिस्त है। जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर, चेकडैम बनाने व अटल भूजल योजना के तहत अनेक कार्यक्रम भी हुए। सीएम ने आह्वान किया प्रदेश के अतिदोहित जनपदों व विकासखंडों को सामान्य के रूप में बदल सकें। क्रिटिकल को सेमीक्रिटिकल, डार्क को सामान्य जनपदों में लेकर आना है।

सीएम ने चयनित बोरिंग टेक्नीशियन से कहा कि सिर्फ ट्यूबवेल ऑन-ऑफ करना ही हमारी जिम्मेदारी नहीं है। यहां पर्याप्त जल संसाधन है। हमारे पास भूजल और सरफेस वाटर भी है तो सदानीरा नदियां भी हैं। इसने यूपी की धरा को उर्वरा भूमि के रूप में स्थापित करने में मदद की है। यूपी में 70 फीसदी सिंचाई भूजल से होती है। शेष 30 फीसदी सिंचाई के लिए नहरें आदि बिछाई हैं। 80 फीसदी आबादी को भूगर्भीय जल से पेयजल की आपूर्ति करते हैं। यूपी औद्योगिकीकरण के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उद्योगों में 85 फीसदी भूगर्भीय जल की आपूर्ति होती है। प्रकृति व परमात्मा ने हमें अमूल्य निधि दी है। विरासत में हमें समृद्ध जल संपदा मिली, लेकिन इसके संरक्षण का दायित्व हमारा होना चाहिए। एक ओर पेयजल, सिंचाई व उद्योगों के लिए जलापूर्ति करनी है, लेकिन पानी के एक-एक बूंद का संरक्षण भी करना है। इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, सचिव डॉ. बलकार सिंह आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button