
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को शुरू हुआ था। आज सत्र का दूसरा दिन है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया। 26760.67 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। बजट में 7421 करोड़ की नई योजनाओं की व्यवस्था की गई है। अनुपूरक बजट पेश होते ही विपक्ष ने योगी सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ मनोज पांडे का ने अनुपूरक बजट का विरोध करते हुए बोला कि सरकार सिर्फ अपने विधेयक को पास करवाने के लिए शीतकालीन सत्र बुलवा रही है। सरकार सिर्फ 70% बजट विभागों में खर्च कर पाई है। सरकार कहीं 16 % कहीं 18 % है और कहीं 20% ही बजट खर्च कर पाई है। आखिर जब बजट खर्च ही नहीं हुआ फिर अनुपूरक बजट की जरूरत क्या है। अनुपूरक बजट की आवश्यकता तब होती है जब सरकार को अतिरिक्त बजट की आवश्यकता हो। जब सरकार विभागों में बजट ही नहीं खर्च कर पा रही फिर सत्र का दिखावा क्यों ?
वहीँ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश के चतुर्मुखी विकास के लिए लगातार काम कर रही है। अनुपूरक बजट प्रदेश में विकास की गति को और रफ्तार देगा। सरकार की जो तमाम कार्य योजनाएं हैं यह बजट उनको पूरा करेगा। उत्तराखंड टनल से 41 लोगों रेस्क्यू की होने पर उत्तराखंड के सीएम को बधाई। विपक्ष पूरी तरह से डिरेल हो गया है। जब-जब विपक्ष की सरकार सत्ता में रही है तब तक भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था। अन्य सरकारों में अपराधियों का बोलबाला था। जनता सब जानती है कि सपा के राज्य में गुंडाराज और अपराधियों का बोलबाला था। नई नियमावली को सभी को पालन करना चाहिए।
अनुपूरक बजट को विपक्ष द्वारा विरोध पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “मैं समाजवादी पार्टी का इतिहास जानता हूं। जब वे सत्ता में थे तो खर्चा करने के नाम पर केवल कागजी कोरम को पूरा किया जाता था। इनका (सपा) विकास केवल कागज़ों पर होता था। अनुपूरक बजट लाना इसलिए जरूरी है क्योंकि बहुत सारे काम ऐसे हैं जो होने चाहिए। गरीब, प्रदेश के विकास, किसान, महिलाओं या नौजवानों के लिए कोई काम हो ये सपा को हजम नहीं होता। उनका विरोध केवल दिखावा है।