
रिपोर्ट / श्रेयशी दीप
इंटरटेनमेंट : 2002 में हुए गुजरात के गोधरा कांड के बारे में शायद ही कोई नहीं जानता होगा। अयोध्या से निकली साबरमती एक्सप्रेस की दो बोगियों में आग लगने से हुए हादसे में 59 मासूम लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसपर बनी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ रिलीज हो गई है। आपको बता दे इस मामले की पड़ताल कम और इसपर राजनीति ज्यादा हुई। सच क्या था और क्या दिखाया गया, इससे पर्दा उठाने के लिए विक्रांत मैसी आए हैं अपनी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ के साथ। विक्रांत मेसी की फिल्म द साबरमती रिपोर्ट रिलीज हो चुकी है और इसे काफी पसंद किया जा रहा है।
एकता कपूर ने देखी द साबरमती रिपोर्ट
गुजरात के गोधरा कांड पर बनी विक्रांत मैसी स्टारर ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की देशभर में जमकर तारीफ हो रही है. बड़ी संख्या में दर्शक फिल्म देखने पहुंच रहे हैं। इस बीच प्रोड्यूसर एकता कपूर भी फिल्म देखने पहुंचीं..
एकता कपूर हरियाणा के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के साथ फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखेंगी। बातचीत के दौरान एकता कपूर ने कहा, “राम जी का नाम लेकर हमने फिल्म बनाई है, अब उनके ही सहारे हैं। सच्चाई से भरी फिल्म सब लोगों को बहुत पसंद आ रही है।“
एकता कपूर ने आगे कहा, “फिल्म उस दिन ब्लॉकबस्टर हुई जिस दिन पीएम मोदी ने तारीफ कर ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि मैंने यह फिल्म बनाई थी, क्योंकि मैं चाहती थी कि सच्चाई भरी कहानी फिल्म के जरिए सामने आए और जिन लोगों के साथ नाइंसाफी हुई उन्हें इंसाफ मिले। सभी राज्यों में हमारी फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।
एकता ने फिल्म के लोकप्रिय डायलॉग का जिक्र करते हुए कहा “झूठ का कितना भी लंबा दौर हो उसे सच ही बदलता है, इंसान हो या देश गिरकर ही संभलता है।” इस बीच राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री करने के सवाल पर एकता ने कहा “टैक्स फ्री करने से ज्यादा जरूरी है कि फिल्म को लोग देखें, जितने ज्यादा लोग देखेंगे वो सच्चाई से रूबरू होंगे।”
इस बीच बता दें कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा की फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री कर दिया गया है।
क्या था गोधरा कांड?
बता दें कि 27 फरवरी, 2002 की सुबह, साबरमती एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर लगभग 12:00 बजे गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बिहार के मुजफ्फरपुर से अहमदाबाद के बीच चलनेवाली इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे, जिनमें बड़ी संख्या में कारसेवक भी शामिल थे। ये कार सेवक अयोध्या में कार सेवा से लौट रहे थे। ट्रेन को गोधरा से रवाना होते ही जंजीर खींच कर ट्रेन को स्टेशन के आउटर सिग्नल के पास रोक दिया गया। इसके बाद ट्रेन पर करीब 2 हजार लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और चार डिब्बों में आग लगा दी। आग से एस-6 कोच बुरी तरह से जल गया और 59 लोगों की मौत हो ई थी। मृतकों में 27 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे। इस हमले में 48 यात्री घायल हो गए थे। गोधरा की घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। राज्य सरकार द्वारा तीन दिनों के भीतर हिंसा पर काबू पाने के दावों के बावजूद, कई हफ़्तों तक हिंसक झड़पें होती रहीं।