
रिपोर्ट/रितु चौहान
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एफसीआई के एक गोदाम में गेहूं में मिलाया जाने वाला पदार्थ खाकर बड़ी संख्या में बंदरों की मौत हो गई. एफसीआई गोदाम के कर्मियों ने बिना प्रशासन को सूचित किए, इन बंदरों के शवों को गोदाम परिसर में ही गड्ढा खुदवाकर दफन करा दिया. इस घटना को लेकर कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता को जानकारी हुई तो उन्होंने एफसीआई गोदाम पर जाकर हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की है.
प्रशासन टीम जांच में जुटी
जैसे जैसे ये मामला आगे बढ़ा तुरंत एडीएम सदर, एसडीएम सदर, सीओ सिटी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए उसके बाद अधिकारियों ने सभी से पूछताछ शुरू कर दी तभी एक कर्मचारी ने बताया कि गोदाम में 145 बंदर मरे थे और बिना प्रशासन को सूचना दिए सभी बन्दरों को गोदाम में ही दफना दिया गया गोदाम के इंचार्ज ने अधिकारियों को यह भी बताया कि बन्दरों की आत्मा की शांति के लिए शनिवार को गोदाम में सुंदर कांड का पाठ रखवाया गया है.
आरोपी कर्मचारियों पर होगी कार्यवाही
इस घटना के दौरान क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर बाबू लाल मीणा पर गोदाम का चार्ज था, लेकिन जैसे ही यह मामला सुर्खियों में आया वह 19 नवंबर को ऑनलाइन छुट्टी का आवेदन कर चले गए. बुधवार को प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे तो उन्हें बताया कि बाबू लाल मीणा छुट्टी पर हैं. अलीगढ़ कार्यालय से जानकारी की तो पता चला कि उनका अवकाश स्वीकृत नहीं हुआ है बाबू लाल मीणा को तत्काल बुलाया गया बंदरों की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है वही बन्दरों का पोस्टमार्टम भी हो सकता .