
उत्तराखंड की सुरंग में 12 दिन से फंसे 41 श्रमिकों के बचाव में सामने आई 4 बड़ी बाधाएँ। चौबीस घंटे के अंदर मजदूरों के बचाव मे कई बाधाएं सामने आने के कारण ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा था । अब तक लगभग 60 मीटर में से 46.7 मीटर निकास सुरंग तैयार की जा चुकी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए अभी 13 से 14 मीटर तक अभी ड्रिलिंग ही बाकी था। दोपहर से ड्रिलिंग बंद था , रात से अभियान को फिर से चालू करने की तैयारी चल रही थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर बचाव अभियान की जानकारी ली।
आपको बता दें कि टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है और अभी 800 mm का पाइप भीतर डाला जा रहा है। मगर आशंका है कि यह पाइप फिर अटक सकता है। इसी के चलते 700 mm का पाइप भी टनल के भीतर ले जाया जा रहा है।
गुरुवार रात से सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं आईं । अब उन बाधाओं को दूर कर लिया गया है। वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा। पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज शाम तक राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा। खुल्बे ने बताया कि 11.30 बजे तक ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। अब सिलक्यारा टनल में 12 मीटर के करीब ड्रिलिंग बची है।
सिलक्यारा टनल हादसे को हुए 13 दिन हो गए हैं। टनल में 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। तभी से उन मजदूरों को सुरक्षित निकलने के लिए सरकार ने अभियान चला रखा है। कई टीम इस काम में लगी हुई है। काम शुरू होते समय लगा था की जल्द ही मजदूरों का सुरक्षित निकल लिया जायेगा। लेकिन बुधवार रात्रि के करीब ड्रिलिंग के दौरान 45 वे मीटर पर सरिया और धातु के टुकड़े आ जाने से पाइप आगे नहीं बढ़ पा रही थी। सरिया और धातु के टुकड़े इतने मजबूत थे की औगर मशीन से सुरंग में धकेले जा रहे 800 मिमी ब्यास के मोटे पाइप को भेदकर अंदर घुस गए। जिससे पाइप का अगला हिंसा मुद गया। औगर मशीन का एक पुर्जा भी टूट गया था ।